कंट्रोल कार्यचालन के सामान्य सिद्धांत (Introduction)
भारतीय रेल में ट्रैन संचालन प्रणाली को कंट्रोल या ट्रैन यातायात नियंत्रण कहा जाता है जो कि ठीक समय पर और कुशलता से ट्रेन को चलाने की व्यवस्था है,जिसे ट्रैन की गतिविधियों पर निगरानी रखकर और कंट्रोल द्वारा ही प्राप्त की जा सकती है।
नियंत्रण का उद्देश्य :- ट्रेन तथा ट्रैफिक आवागमन के लिए एक सेक्शन में कंट्रोल का उपयोग 24 घंटे निम्न उद्देश्य के लिए होते है :-
- ट्रेन और यातायात के विलम्ब को रोकना
- ट्रेनों के सामान्य कार्य में सुधार लाना
- ट्रेनों के कार्य दक्षता बढ़ाना
- पूरी सुरक्षा के साथ
- कम से कम लागत में ट्रेनें चलती रहे
कंट्रोल के प्रकार :
- स्टॉक कंट्रोल
- डिप्टी कंट्रोल (Dy TC )
- ट्रेन कंट्रोल (TC )
- ट्रैक्शन लोको कंट्रोल(TLC)
- ट्रैक्शन पावर कंट्रोल (TPC)
- इमरजेंसी कंट्रोल (EC)
- टेस्ट कंट्रोल
--------------- Function of control ------------------
- Train control - mail/exp/goods एक सेक्शन में चल रहे ट्रैन सही समय पर टारगेट को पूरा करें।
- Traffic control - over all traffic regulation traffic का कम व् सही तरीके से arrange करना।
- Power control - इंजन/OHE आदि व्यवस्थित(arrangement of engines )करना अर्थात yard , shed आदि जहाँ भी खड़ी है उनकी require arrangement करना।
Elements of Control(भाग )-
1. कंट्रोल ऑफिस :- ऑपरेटिंग विभाग का nerve सेंटर।
2. हेड क्वार्टर कंट्रोल - Area Control
Sub control
Control control office (Zonal level -Baroda House )
Pen uses Red for TSP(transport)
Blue for Passenger trains
Green for Mail/Exp
3. वे -साइड स्टेशन कम्युनिकेशन between कंट्रोल ऑफिस व् वे -स्टेशन
- Connected between Control Office and Way-side station with Omni Bus circuit.
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Control Circuits in Railways
Reviewed by Harihar
on
May 21, 2020
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