ओ.एफ.सी. का संछिप्त विवरण
Imporant abbreviations :-- VFL-Visual Fault Locator
- LED-Light Emitting Diode
- LASER- Light Amplification by stimulated Emission of Radiation
- PIN- Positive Intrinsic Negative
- APD- Avalanche photo Diode
- SFP- Small form-factor Plug able
- WPC- Wireless Planning Co-ordination Committee
- TIR - Total Internal reflection of light
- SMSI/MMSI- Single/Mono mode step index
- MMSI -Multimode Single index
- MMGI - Multimode graded index
- DTA - Digital Transmission Analyzer
- DCA - Digital communication Analyzer
- BER - Bit Error Rate
- RADAR- Radio Amplification, detection & ranging
फाइबर के प्रकार
↓ ↓
मल्टिमोड़ फाइबर मोनो/सिंगल मोड फाइबर
↓ ↓
MMSI MMGI
कार्य का सिद्धान्त - T.I.R- प्रकाश का पूर्ण आतंरिक परावर्तन
रेलवे में अधिकतर प्रयोग - 24 F आर्मर केबल
फाइबर टाइप (प्रयोग) - SMSI /MMSI टाइप
फाइबर - शुद्ध सिलिका ग्लास की बनी है
फाइबर लॉस - 1310 nm - 0.35 dB/km
1550 nm - 0.25 dB/km
स्प्लैसिंग लॉस - 0.1dB से कम
कनेक्टर लॉस - 0.2 dB से कम
OFC केबल डाया (लगभग ) = 20 mm
केबल ड्रम की लम्बाई - 3 किमी.
कलर कोड़िंग -
फाइबर लूज़ बफर टूयूब
1. नीला (blue) 1. नीला (blue)
2. नारंगी (orange) 2. नारंगी (orange)
3. हरा (green) 3. हरा (green)
4. सफ़ेद (white) 4. भूरा brown)
5. स्लेट slate)
6. सफ़ेद (white)
इलेक्ट्रिकल सिग्नल को ऑप्टिकल में बदलने के लिए सोर्स - LED , LASER
LED - non-Cohrent टाइप (कम दूरी के लिए ) - स्पॉनटेनियस एमिशन के सिदान्त पर कार्य करता है।
LASER - Cohrent टाइप (लम्बी दूरी के लिए ) - स्टीम्युलेटेड इमीशन के सिदान्त पर कार्य करता है।
ऑप्टिकल सिग्नल को इलेक्ट्रिकल सिग्नल में बदलने के लिए डिटेक्टर - PIN, APD
- यदि सोर्स के रूप में LED हो तो डिटेक्टर के रूप में PIN डायोड प्रयोग में होती है।
- यदि सोर्स के रूप में LASER हो तो डिटेक्टर के रूप में APD प्रयोग में होती है।
- स्ट्रिपर(stripper) - फाइबर कोटिंग हटाने के लिए।
- क्लीवर (cleaver) - फाइबर को 90 डिग्री पर काटने के लिए।
- आइसोप्रोफाईल (isoprophyll) - फाइबर को साफ करने के लिए।
- OTDR - फॉल्ट लोकेशन , OFC केबल में लॉस ,दो जॉइन्ट के बीच लॉस, कनेक्टर की लॉस आदि पता करने के लिए।
- ऑप्टिकल पावर मीटर ,लाइट सोर्स ,ऑप्टिकल स्पेक्ट्रम एनालाइजर , फॉल्ट लोकेटर, DTA/DCA
OFC अपनाने का कारण / OFC के लाभ -
- चैनल कैपेसिटी ज्यादा - बैंडविड्थ काफी अधिक ,सूचना ले जाने की क्षमता अधिक (no.of बिट्स/सेकण्ड) upto 20Tbps
- किसी फ्रीक्वेंसी के involve न होने के कारण WPC से लाइसेंस क्लीयरेंस/अनुमति की जरुरत नहीं।
- फाइबर ग्लास की resale वैल्यू न होने के कारण चुराए जाने की संभावनाएं नहीं।
- कम्युनिकेशन में सुचना के चुराए जाने की संभावनाएं नहीं - टैपिंग आसान नहीं (ऑप्टिकल फॉर्म /डिजिटल मॉडुलेशन में होना )
- विदेशी मुंद्रा की बचत - क्योकि यह सिलिका ग्लास की बनी होती है जो की प्रकृति में प्रचूर मात्रा में उपलब्ध है।
- EMI (इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंडक्शन )या ESI (इलेक्ट्रोस्टैटिकल इंडक्शन ) का प्रभाव नहीं अर्थात चुम्बकीय या विधुतीय प्रभाव नहीं ।
- लॉस कम तथा पूरे बैंडविड्थ के लिए लॉस समान।
- क्रॉस-टॉक नहीं।
- वजन कम इसलिए केबल डालना आसान व सस्ती।
- टेम्परेचर (तापमान )/कोरोज़ेन से प्रभावित नहीं।
- OFC बेस सिस्टम में NMS लगाने की सुविधा।
- स्वत: दोष निवारण सिस्टम (self healing type )होने के कारण TFC की सम्भावना नहीं - पूर्णता सुरक्षित सिस्टम (fully protective system)
- कुशल स्टाफ की आवश्यकता।
- फ्रीक्वेंट टैपिंग संभव नहीं - इसलिए इमरजेंसी सॉकेट /LC गेट के लिए 6-क्वाड केबल भी डालना जरुरी।
- प्रयोग किये जाने वाले सिस्टम /इक्विप्मेंट के कीमत ज्यादा होना।
- ब्लॉक के लिए अतिरिक्त इंटरफ़ेस की जरुरत।
- जरुरत के अनुसार सिस्टम न लगाए तो कीमत बढ़ने की सम्भावना।
OFC cable uses in IR
Reviewed by Harihar
on
July 07, 2020
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